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नादाब और अबीहू

कुछ भाई, जैसे कैन और हाबिल या याकूब और एसाव, एक दूसरे को संकट में डालते हैं। उसी प्रकार, नबाद और अबीहू एक साथ मुसीबत में पड़ गए।

हालांकि हमें उनके प्रारंभिक वर्षों के बारे में बहुत कम जानकारी है, बाइबल हमें उस वातावरण के बारे में भरपूर जानकारी देती है जिसमें वे पले-बढ़े। वे मिस्र में जन्मे, निर्गमन के समय परमेश्वर के शक्तिशाली कार्यों के चश्मदीद गवाह थे। उन्होंने अपने पिता हारून, अपने चाचा, मूसा और अपनी चाची मरियम को कई बार काम करते देखा। उन्हें परमेश्वर की पवित्रता का प्रत्यक्ष ज्ञान था जैसा कि कुछ लोगों को कभी नहीं मिला था, और कम से कम कुछ समय के लिए, उन्होंने पूरे हृदय से परमेश्वर का अनुसरण किया (लैव्यव्यवस्था 8:36)। लेकिन एक महत्वपूर्ण क्षण में उन्होंने उदासीनता के साथ परमेश्वर के स्पष्ट निर्देशों को पालन करना चुना। उनके पाप के परिणाम उग्र, तत्काल, और सभी के लिए चौंकाने वाले थे। 

जब हम परमेश्वर के न्याय और पवित्रता को हल्के में लेते हैं, तो हम इन भाइयों के समान गलती करने के खतरे में होते हैं। हमें यह महसूस करते हुए परमेश्वर के निकट आना चाहिए कि परमेश्वर का उचित भय है। यह ध्यान में रखने की बात है कि व्यक्तिगत रूप से परमेश्वर को जानने का अवसर हमेशा अयोग्य लोगों के लिए उनके अनुग्रहपूर्ण निमंत्रण पर आधारित है, न कि उपहार के रूप में लेने के लिए। क्या परमेश्वर के बारे में आपके विचारों में उनकी महान पवित्रता की विनम्र पहचान शामिल है?


  • ताकत और उपलब्धियां : 

    • हारून के सबसे बड़े बेटे

    • अपने पिता के बाद महायाजक बनने के लिए प्राथमिक उम्मीदवार 

    • तम्बू के मूल अभिषेक में शामिल थे 

    • "सब कुछ जो प्रभु ने आज्ञा दी थी" उसका पालन करने के विषय में प्रशंसा की  (लैव्यव्यवस्था 8:36)


  • कमजोरी और गलती: 

    • परमेश्वर की सीधी आज्ञाओं के साथ बिना विचार के व्यवहार किये 


  • जीवन से सबक : 

    • पाप के घातक परिणाम 


  • महत्वपूर्ण आयाम : 

    • कहाँ: सिनाई प्रायद्वीप

    • व्यवसाय: प्रशिक्षण में महायाजक 

    • रिश्तेदार: पिता: हारून। चाचा और चाची: मूसा और मरियम, भाई: एलीआजर और ईतामार।


  • मुख्य पद : तब नादाब और अबीहू नामक हारून के दो पुत्रोंने अपना अपना धूपदान लिया, और उन में आग भरी, और उस में धूप डालकर उस ऊपक्की आग की जिसकी आज्ञा यहोवा ने नहीं दी यी यहोवा के सम्मुख आरती दी। तब यहोवा के सम्मुख से आग निकलकर उन दोनों को भस्म कर दिया, और वे यहोवा के साम्हने मर गए।” (लैव्यव्यवस्था 10:1,2)


नाबाद और अबीहू की कहानी लैव्यव्यवस्था 8 - 10 में बताई गई है। उनका उल्लेख निर्गमन 24:1, 9, 28:1; गिनती 3:2-4; 26:60, 61.


 

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