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यीशु द्वारा आत्मा का फल का उदाहरण (Jesus' Example of Fruit of Spirit)


यीशु द्वारा आत्मा का फल का उदाहरण
प्रेमयीशु ने कहा, "जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा है, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा है। अब मेरे प्रेम में बने रहो। यूहन्ना 15:9
आनंदयीशु ने कहा, “अब मै तेरे पास आता हूँ, और ये बाते जगत में कहता हूँ, कि वे मेरा आनंद अपने में पूरा पाएँ।" यूहन्ना 17:13
शांति/ मेलयीशु ने कहा, “ मैं तुम्हे अपनी शांति दिए जाता हु; अपनी शांति तुम्हें देता हूँ। जैसा संसार देती है, मैं तुम्हें नहीं देता। तुम्हारा मन व्याकुल और भयभीत न हो।
यूहन्ना 14:27
धीरजप्रेरित पौलुस ने लिखा, “और इसलिए तो मुझ पर दया की गयी। कि मसीह यीशु एक बड़े पापी के रूप में मेरा उपयोग करते हुए आगे चल कर जो लोग उसमें विश्वास ग्रहण करेंगे, उनके लिए अनन्त जीवन प्राप्ति के हेतु एक उदाहरण के रूप में मुझे स्थापित कर अपनी असीम धीरज प्रदर्शित कर सके।" 1 तीमुथियुस 1:16
कृपा"और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया। कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाएं।" इफिसियों 2:6-7
भलाई"तो उस [परमेश्वर] ने हमारा उद्धार किया: और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी भलाई के अनुसार, नए जन्म के स्‍नान, और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ। जिसे उस ने हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के द्वारा हम पर अधिकाई से उंडेला। तीतुस 3:5-6
विश्वासयोग्यता“परन्तु मसीह विश्वासयोग्य पुत्र की नाईं परमेश्वर के घर का अधिकारी है। और हम उसका घराना हैं, यदि आवश्यक हो तो हम अपने विश्वास और उस आशा को दृढ़ता से धारण करते हैं जिस पर हम गर्व करते हैं।"इब्रानियों 3:6
नम्रतायीशु ने कहा, "मेरा जूआ अपने कांधे पर लो और, मुझे से सीखो की’, मै नम्र और मन में दीन हु और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे।" मत्ती 11:29
सयंमवह गाली सुनकर गाली नहीं देता था, और दुख उठाकर किसी को भी धमकी नहीं देता था, पर अपने आप को सच्‍चे न्यायी के हाथ में सौपता था।" 1 पतरस 2:23

Source : Bible Charts

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