संख्या | महत्व |
1 | एकता को प्रकट करता है (उत्पत्ति 2:24); स्वतंत्र अस्तित्व (व्यवस्थाविवरण 6:4) |
2 | अतिरिक्त - शक्ति, सहायता को प्रकट करता है (सभोपदेशक 4:9-12) |
3 | सरलतम यौगिक एकता; परमेश्वर का अंक (मत्ती 28:19) |
4 | संसार के चार मौसम और दिशाऐ (प्रकाशितवाक्य 7:1) |
5 | मानव शरीर के विभिन्न पांच-सदस्यीय भाग (लैव्यव्यवस्था 14:14-16) |
6 | बुराई, असफलता; यह संख्या सात से कम है, जो पूर्णता का प्रतिनिधित्व नहीं करती है (प्रकाशित वाक्य 13:18) |
7 | पूर्णता का प्रतिनिधित्व करने वाली एक संख्या (प्रकाशितवाक्य 1:4) |
10 | पांच का दोगुना और इस प्रकार मानव पूर्णता को प्रकट करता है (प्रकाशितवाक्य 2:10) |
12 | परमेश्वर ने स्वयं को पूर्ण रूप से अपने बनाया सृष्टि पर प्रकट किया (प्रकाशितवाक्य 21:12) |
Source : The Woman's Study Bible.
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